पूर्णिमा के उपलक्ष में डॉ.अंबेडकर शिक्षा प्रचार संघ,व सोहदरा सम्यक प्रांगण बीकानेर के द्वारा आयोजित भीखु संघ की देशना का कार्यक्रम मे एक नई पहल बिना लेनदेन बिना दहेज के मंगल विवाह संपन्न हुआ

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पूर्णिमा के उपलक्ष में डॉ.अंबेडकर शिक्षा प्रचार संघ,व सोहदरा सम्यक प्रांगण बीकानेर के द्वारा आयोजित भीखु संघ की देशना का कार्यक्रम दिनांक 6 मई 2023 को संपन्न हुआ तथा उपस्थित गणमान्य पुरुषों व महिलाओ ने भिक्षु संघ राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष भिक्षु कश्यप आनंद जी, भिक्षु नागवंश जी, भिक्षु करुणा सागर जी व सहारनपुर से पधारी भिक्षुणी धम्म नंदा जी के हाथों सम्यक स्मारिका 2023 का विमोचन भी किया गया और उपस्थित जनों को वितरण भी की गई, साथ ही इसी कार्यक्रम में एक नई पहल बिना लेनदेन बिना दहेज के मंगल विवाह संपन्न करवाया, जिसमें दूल्हा दुल्हन के परिवार ने इस प्रकार की शादी कर समाज में बिना कर्ज व खर्च किए शादी को संपन्न कर एक नया संदेश देने का काम किया, इस मंगल विवाह के उपस्थित समाज के गणमान्य लोग साक्षी बने और इस विवाह को बहुजन समाज में खूब सराहा जा रहा है।
कार्यक्रम में डॉ अंबेडकर पीठ के अध्यक्ष मदन जी मेघवाल पन्ना लाल जी मेघवाल, बागाराम जी सार्दुल, शिवदान जी मेघवाल, लखीराम जी बीबान, डॉक्टर सीताराम जी, सुधीर जी मेघवाल, रामलाल जी बांदड़ा, भगाराम जी ढाल, गोविंद राम जी जयपाल, राजपाल जी अलावत, काशी राम जी मेघवाल, नारायण राम जी चौहान, गोपाल जी कड़ेला, मोडाराम जी कड़ेला, राजेंद्र कुमार गुटसा, मदन जी पटीर, चतुर्भुज जी पडियार, नथमल जी पडियार, लालचंद जी परिहार, मनोज श्री देव बसपा नेता, एडवोकेट वीर बहादुर लेखाला, नेमीचंद जी उदयरामसर, एडवोकेट ओम प्रकाश हाटीला, जगदीश भद्रवाल, पेंटर संजय सिद्धार्थ, नरेंद्र बारूपाल के अलावा 465 आरडी से आदुराम जी बौद्ध, मंगल चंद जी बौद्ध, भंवर लाल जी, बौद्ध शील सागर जी बौद्ध, पांचू से ओम प्रकाश जी बौद्ध आदि भी कई जगहों से गणमान्य लोग पहुंचे और कार्यक्रम को सफल बनाया व इस बौद्ध परंपरा से होने वाली शादी के साक्षी बनने व देखने के लिए दूर-दूर से गणमान्य लोग पहुंचे। कार्यक्रम में भोजन व्यवस्था भी की गई। इस कार्यक्रम का संचालन एडवोकेट रविंद्र कुमार सिद्धार्थ उर्फ रविदास बौद्ध ने किया। कार्यक्रम में संबोधित करते हुए अधिकतर वक्ताओं ने कहा की शादियां इसी प्रकार होनी चाहिए दिखावे के चक्कर में कर्जा लेकर कोई भी काम हम करते हैं और जीवन भर उस कर्ज को उतारने के चक्कर में उलझे रहते हैं, शादी विवाह वे अन्य सामाजिक रीति-रिवाजों में दिखावा करने व फिजूलखर्ची बंद करें, कर्ज लेकर 1 दिन के लिए दुल्हा बनता है और जीवन भर गधे की तरह उस कर्ज को उतारने में लगा रहता है, अब समय और भी कठिन आने वाला है इसलिए अपने धन को अच्छी जगह पर खर्च करें बच्चों को ज्यादा से ज्यादा पढ़ाए, नशा मुक्ति का कार्यक्रम चलाकर नशा मुक्त समाज बनाने के लिए आगे बढ़ना चाहिए और और अपने द्वारा कमाए गए धन को शिक्षा पर खर्च करेंगे तो बच्चे आगे बढ़ेंगे कामयाब होंगे तो समाज भी मजबूत होगा, तब ही बाबा साहब के सपनों का भारत बन पाएगा। नमो बुद्धाय 🙏 जय भीम