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इंडियन साईक्रेटिक सोसायटी नॉर्थ जॉन की दो दिवसीय कान्फ्रेस का हुआ आगाज*
*सांस्कृतिक प्रयासों से भी दूूर की जा सकती है मानसिक बीमारियों की जटिलता*
*बीकानेर, 28 सितम्बर।* सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज से बीकानेर साइक्रेटिक सोसायटी तथा इंडियन साईक्रेटिक सोसायटी नॉर्थ जॉन के संयुक्त तत्वावधान में जयपुर रोड स्थित श्रीगणेशम रिसॉर्ट में शनिवार को भव्य शुभारम्भ हुआ । इस कान्फ्रेस की थीम कल्चार मिल्यू एवं मेंटल इलनेस रही । सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य एवं नियंत्रक तथा इस कान्फ्रेंस के मुख्य संरक्षक डॉ. गुंजन सोनी इंडियन साइक्रेटिक सोसयटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लक्ष्मीकांत राठी, इंडियन साइक्रेटिक सोसायटी नॉर्थ जॉन के अध्यक्ष ममता सूद व अन्य अतिथियों सहित डॉ. अच्यूत त्रिवेदी, डॉ. श्रीगोपाल गोयल व डॉ. हरफूल बिश्नोई ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की।
कान्फ्रेस के संरक्षक डॉ. केके वर्मा तथा डॉ. अशोक सिंघल ने कान्फ्रेस में आए सभी अतिथियों का स्वागत किया । इस आयोजन के दौरान एनएन विग, बक्षी तथा जीसी बोरल अवॉर्ड का प्रस्तुतीकरण दिया गया। आईपीएस नॉर्थ जॉन सचिव डॉ. नरेश नेवनानी ने अपने कार्यकाल का संक्षिप्त वर्णन दिया। डॉ. संदीप ग्रोवर ने नॉर्थ जॉन द्वारा प्रकाशित होने वाले जर्नल के बारे में बताया। इस दौरान मंचस्थ अतिथियों द्वारा सोविनियर और स्टेलवॉल्ट की दो पुस्तकों का विमोचन हुआ। डॉ. जितेन्द्र जींगर ने आईपीएस नॉर्थ की वेबसाइट में हूए नवीन परिवर्तनों को जानकारी दी।
*अतिथियों ने किये अपने अनुभव साझा*
इंडियन साइक्रेटिक सोसायटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत राठी ने अपने उद्बोधन में राजस्थानी संस्कृति की तारीफ करते हुए कहा कि इसकी मिट्टी में वो जादू है जहां हर कोई रहना पसंद करेगा। आईपीएस की उपाध्यक्ष डॉ. सविता मल्होत्रा ने नॉर्थ जॉन के द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना की। आईपीएस के सचिव डॉ. अमृत पत्तोजोशी ने नॉर्थ जोन द्वारा साइक्रेटिक क्षेत्र में किये जाने वाले कार्यों को प्रोत्साहित किया।
इंडियन साइक्रेटिक सोसायटी नॉर्थ जॉन की अध्यक्ष डॉ. ममता सूद ने अपने कार्यकाल में आयोजित विभिन्न कान्फ्रेस के अनुभव साझा किये साथ ही नॉर्थ जॉन की सदस्यता बढ़ाने पर जोर दिया। डॉ. ममता सूद ने अध्यक्षीय पद का दायित्व प्रोफेसर एण्ड हैड मनोरोग विभाग एम्स भटीण्डा पंजाब के डॉॅ. गुरविन्दर पाल सिंह को सौंपा। उल्लेखनीय है कि डॉ. गुरविन्दर साइकोथैरेपि के भविष्य के बारे में भारत की स्थिति को लेकर मानसिक स्वास्थ्य पर गहन अध्ययन किया है। आईपीएस नॉर्थ जॉन के कोषाध्यक्ष डॉ. गुलबार सिंह सिद्धू ने इस कान्फ्रेस की थीम के बारे मे अपने विचार प्रकट किये।
प्राचार्य डॉ. सोनी ने सभी अतिथियों को एसपी मेडिकल कॉलेज द्वारा साइक्रेटिक क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों के बारे में बताया साथ ही बीकानेर की संस्कृति से अवगत करवाते हुए कहा कि आप यहां से अच्छे अनुभव लेते हुए जाए, पीबीएम अधीक्षक डॉ. पीके सैनी ने कहा कि आज आमजन में नशो की प्रवृति बढती जा रही है जिसका महत्वूर्ण कारण मानसिक रोग है, इस पर हमें सजगता से कार्य करना होगा। आयोजन समिति के चेयरपर्सन डॉ. अच्यूत त्रिवेदी ने मानव व्यवाहर पर अपने विचार रखे। आयोजन के दौरान डॉ. अशोक सिंघल ने भी अपने विचार रखे। डॉ. अंजू ठकराल ने कान्फ्रेस के प्रथम दिवस के प्रोग्राम की जानकारी प्रदान। आयोजन समिति के चेयरपर्सन डॉ. अच्यूत त्रिवेदी ने कार्यक्रम के दौरान सहयोग देने वाले रेजिडेण्ट डॉक्टर्स का आभार जताया।
यह रही कांन्फ्रेस की महत्वपूर्ण बातें
संस्कृति इस बात को प्रभावित कर सकती है कि लोग मानसिक बीमारी के बारे में कैसे सोचते हैं, वे तनाव का सामना कैसे करते हैं, तथा वे किस प्रकार सहायता चाहते हैं।
मानसिक बीमारी को समझने के लिए सांस्कृतिक संदर्भ महत्वपूर्ण है, लेकिन यह पहचानना भी महत्वपूर्ण है कि सांस्कृतिक प्रथाएं समावेशी और बहिष्कृत दोनों हो सकती हैं।
मानसिक स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता अपने मरीजों की सांस्कृतिक पृष्ठभूमि को समझकर तथा आवश्यक संसाधन और सहायता प्रदान करके रोगी देखभाल में सुधार कर सकते हैं।
भाषा और विचार में सांस्कृतिक अंतर मानसिक बीमारी के लक्षणों और उपप्रकारों में अंतर पैदा कर सकता है।
सांस्कृतिक कारक सामाजिक नीतियों को प्रभावित कर सकते हैं जो मानसिक स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच निर्धारित करती हैं।
आयोजन के चेयरपर्सन अच्यूत त्रिवेदी ने कार्यक्रम के दौरान सहयोग देने वाले सभी प्रोफेसर्स व सीनीयर रेजिडेण्ट डॉक्टर्स का आभार जताया।