बीकानेर में वेटरनरी डॉक्टर्स के हड़ताल पर जाने से अस्पतालों में बिगड़ी व्यवस्था
बीकानेर। अतिरिक्त अलाउंस देने की मांग पर वेटरनरी डॉक्टर्स हड़ताल पर चले गए हैं। इन डॉक्टर्स ने शनिवार को लगातार छठे दिन धरना भी जारी रखा। इसके साथ ही सामूहिक अवकाश लेकर विरोध प्रदर्शन को तेज कर दिया है। बीकानेर में शहरी क्षेत्र में 9 और गांवों में 304 अस्पताल और सब सेंटर्स हैं। इन सभी में इन दिनों व्यवस्था बिगड़ी है। पशुओं को बीमा दिलाने, पोस्टमॉर्टम करवाने सहित अनेक योजनाओं को लागू करने में अब पशुपालन विभाग को परेशानी हो रही है। एनपीए संघर्ष समिति के संचालक डॉ ओम प्रकाश परिहार ने बताया कि जिले के सभी पशु चिकित्सालयों पर काम बंद हो गया है। पशु चिकित्सा व्यवस्था ठप होने एवं पोस्टमॉर्टम कार्य नहीं होने के कारण पशुपालक परेशान हो रहे हैं। इसके अलावा कामधेनु बीमा योजना व गोपालन अनुदान कार्य का बहिष्कार कर दिया गया है। राजस्थान सरकार पशु क्रूरता समिति के सदस्य बलदेव दास भादानी और अन्य पशुपालकों ने उपस्थित होकर पशु चिकित्सकों की मांग के समर्थन में सरकार से अनुरोध किया है कि पशु चिकित्सकों की मांग को जल्द मानी जाए, जिससे गौशालाओं के अनुदान का कार्य प्रगति पर हो और गोवंश को बचाया जा सके। संभागीय उपाध्यक्ष डॉ कमल व्यास ने बताया कि छठे, सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के बावजूद भी पशु चिकित्सकों के साथ अन्याय किया जा रहा है। लूणकरणसर ब्लॉक से डॉ. राजेश पारीक ने बताया की शिक्षा मंत्री व बीकानेर के विधायक डॉ. बी.डी. कल्ला को भी ज्ञापन दिया गया था। एनपीए की मांग पूरी नहीं होने के कारण पशु चिकित्सको को हडताल पर जाना पडा और इससे बीमार पशुधन के चिकित्सा संबंधी कार्य भी चरमराया हुआ है। धरना स्थल पर डॉ. गुलजार, डॉ. गजेन्द्र, डॉ. अशोक गहलोत, डॉ. रितु शर्मा, डॉ. राखी वर्मा, डॉ. पुष्पा, डॉ. मिनाली, डॉ. मनीष, डॉ. जफर, डॉ. दिनु खान व अन्य पशु चिकित्सकों ने विरोध जताया।
