










खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने जयपुर में राष्ट्रीय स्तर की खादी और पीएमईजीपी की संयुक्त प्रदर्शनी का किया उद्घाटन।
- केवीआईसी अध्यक्ष श्री मनोज कुमार के साथ जयपुर की सांसद श्रीमती मंजू
शर्मा ने किया उद्घाटन।
*03 फरवरी तक चलने वाली प्रदर्शनी में खादी के 80 और ग्रामोद्योग के 54 स्टॉल लगाए गये हैं।
- राजस्थान में 165 खादी संस्थाओं के माध्यम से 25486 कत्तिन-बुनकर और खादी कार्यकर्ताओं को मिल रहा रोजगार।
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राजस्थान खादी ग्रामोद्योग संस्था संघ, बजाज नगर, जयपुर में 20 जनवरी 2025 से 03 फरवरी 2025 तक आयोजित की जा रही खादी विपणन एवं पीएमईजीपी की संयुक्त प्रदर्शनी का मंगलवार को जयपुर की सांसद श्रीमती मंजु शर्मा के साथ केवीआईसी अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने उद्घाटन किया। प्रदर्शनी में खादी के 80 स्टॉल और ग्रामोद्योग के 54 स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें खादी की संस्थाएं, ग्रामोद्योग की इकाइयां, पीएमईजीपी, आरईजीपी, और स्फूर्ति योजना की इकाइयां भाग ले रही हैं। इस आयोजन में लाइव डेमो के माध्यम से चरखा, खादी बुनाई, चर्म उद्योग, कुम्हारी, मोमबत्ती निर्माण और हाथ कागज निर्माण के प्रत्यक्ष प्रदर्शन किए जा रहे हैं। प्रदर्शनी 3 फरवरी 2025 तक आम जनता के लिए खुली रहेगी। खादी और ग्रामोद्योग के उत्पादों को बढ़ावा देने और स्थानीय शिल्पकारों के लिए नए बाजार उपलब्ध कराने का यह प्रयास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।उद्घाटन समारोह में सांसद श्रीमती मंजु शर्मा ने कहा कि खादी महात्मा गांधी जी के आदर्शों की पहचान है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में खादी और ग्रामोद्योग को अभूतपूर्व बढ़ावा मिला है। उन्होंने इस प्रदर्शनी को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम बताया और कहा कि प्रधानमंत्री जी के विजन के तहत खादी के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त किया जा रहा है। उन्होंने केवीआईसी द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में चलायी जा रही योजनाओं की सराहना की और लोगों से अपील की वो भारी संख्या में प्रदर्शनी में आकर स्वदेशी उत्पादों को अपनाएं और आत्मनिर्भर भारत अभियान में अपना योगदान दें।इस अवसर पर बोलते हुए अध्यक्ष केवीआईसी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में और एमएसएमई मंत्रालय के मार्गदर्शन में ‘नये भारत की नयी खादी’ नये प्रतिमान स्थापित कर ‘विकसित भारत’ अभियान को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने बताया कि ‘खादी क्रांति’ ने पिछले 10 वर्षों में खादी और ग्रामोद्योग के कारोबार को 1 लाख 55 हजार करोड़ रुपये के पार पहुंचा दिया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में 10.17 लाख नये लोगों को रोजगार मिला है। श्री मनोज कुमार ने आगे कहा कि राजस्थान में खादी और ग्रामोद्योग का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। यहां कुल 165 खादी संस्थाएं कार्यरत हैं, जिन्होंने 160.53 करोड़ रुपये का उत्पादन और 265.23 करोड़ रुपये की खादी बिक्री की है। इससे लगभग 25,486 कत्तिन-बुनकरों को रोजगार मिला है। इसके साथ ही, पीएमईजीपी के तहत राज्य में अब तक 31,867 इकाइयों की स्थापना की जा चुकी है, जिसमें भारत सरकार द्वारा 960 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सहायता प्रदान की गई है। इस योजना के माध्यम से 2.65 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है।कार्यक्रम में खादी और ग्रामोद्योग आयोग की विभिन्न योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। इन योजनाओं में खादी कार्यक्रम, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी), स्फूर्ति योजना, खादी सुधार और विकास कार्यक्रम (केआरडीपी), तथा ग्रामोद्योग विकास योजना शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, कुम्हार सशक्तिकरण, मधुमक्खी पालन (हनी मिशन), चर्म उद्योग, अगरबत्ती निर्माण, हाथ कागज निर्माण, टर्नवुड क्राफ्ट और सेवा क्षेत्र जैसे इलेक्ट्रिशियन और प्लंबर के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के महत्व पर प्रकाश डाला गया।
उद्घाटन कार्यक्रम में खादी संस्थाओं के प्रतिनिधि, पीएमईजीपी यूनिट के लाभार्थी, खादी कार्यकर्ता समेत राजस्थान सरकार और केवीआईसी के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।