

*हिन्दुस्तान नै हिंयो खायग्यो।*
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नीं तौ मजाल है कै कोई पाछौ घूम-र आ जावै ?
__भई रै भई ! _____
ई हिंये रौ कई कंरा ?
अतौ हिंयो (आळस ) फेलग्यो म्हारे शहर माँय ……
कै सगली री सगली राफड़ लीला कैवूँ कै हलचल …
बंद ही हुयगी।
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*हिंये रै उदासी सूँ भरीयोडा चैरा घिगाणै हँस-र रस्म निभावै।*
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पतौ नीं कंई ज़रूरत पड़गी ?
अरे!! जकी जूण ठाकुर जी आपां सगला दी है नी…
उण माँय अति औपचारिकताओं अर अंफड री कठै ज़रूरत पड़गी ?
घणै प्रेम अर हरख सूँ जीवां,
आंपा सगला रौ एक-एक दिन नूंवौ दिन हौवणौ चाहिजै।
म्हें तौ बस! ई बात सागै हा।
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थोरी रोज री रोज नौटंकी सगला जाणै,
आंपरै गिश्त रौ गाडो खैचणियाँ तोता-गूँगा कोयनी भईजी !
ई खातर formality रौ फर्जीवाडो बंद करौ,
इमै कईं आणी-जाणी कोयनी।
अर ईसी Formality कईं काम री भईजी….
जकी करणै बाद पकड़ में आ जावै।
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……म्हें सुपीरियर हा।
……औ घिगाणै रौ धणियाप है भईजी !
उम्र रै ई दौर माँय अपणायत राखौ,
आपनै हर-एक लड़ाई जीतणी जरूरी कोयनी ….
ई खातर हिंयो (आळस ) अर अंहकार त्याग-र बडै कालजै सूँ समाज माँय आवौ-बैठो …….
1. करौ शिक़ायत जी खोल-र पण धड़ा बणा-र नहीं,
2. करौ विरोध जकी बात थानै जंची कौनी, पण गुट बणा-र नहीं, जणै तौ कईं मजो आवै।
खाली भीचूं-भीचूं अर खुणा राजनीति माँय कईं पड़ियो है ..?
थै चावौ जकौ काम हौसी,
थै मांगों जकै सूँ डबल मान-सम्मान मिलसी,
पण थानै पैली म्हानै भी समझणौ पड़सी।
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*हाँ ! म्हें मानूँ आ बात कै थै मंझीझियोडा हौ,*
पण नूंवै युग री नूंवी प्रतिभाओं री भावनाओं री तौ क़दर करणी पड़सी भईजी।
• थै मोट्यार था जद थानै भी कोई मान्यता दी हौवेला ?
• औ म्हारो हुक्म कौनी दरख्वास्त है। भईजी !
जियां दोनू हाथ धौयो धूप्पे,👏
बिंयां ही एक-दूसरे नै जागा दैवण सूँ ही….
गैरा अर मोटा संबंध बणै।
आखिर कता-क साल थै व्हैं पटरी माथै ही चालता रेसौ ? जकै रास्तें माँय कोई स्टेशन आवै ही कोयनी।
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उम्र सारू धीरा पडनै रौ बखत़ है …..
लोगा री स्मृतियां माँय हमेस जिंदा रैवण रौ फक़त एक तरीकों भी है।
पण म्हानै ध्यान है …
औ पढ़ण रै बाद थानै भैर ….रीस आसी।
*…म्हारा जीतीया बाबा कैंवता …*
बेटा ! पाड़ ( पहाड़ ) तौडनो सोरो अर मिनख री आदत बदलनी दौरी …वा भी सिज्यां पड़ी… मुश्किल घणी।
घणी लंबी आदत्या व्यक्तित्व बण जावै ..
अर आपरै व्यक्तित्व नै बदलनौ…
संसार माँय घणौ दोरौ काम है।
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*राजस्थानी नै मान्यता मिलै अर सागै-सागै आपनै मिनख री मान्यता देवण री परम्परा भी खड़ी राखणी है।
*…मिनख नै मान्यता देवण री परम्परा घालौ।*
✍🏻 *रंगा राजस्थानी राहुल*
*कवि-कथाकार थै मानौ तौ ….*
थै ई पोस्ट माथे लिखापटी कर-र जवाब देसों तो म्हें समझ सा कै थै वास्तव में मिनख जोरा हौ नीं तौ हिंयो है।
“”” *हिंयो खायग्यो हिदुस्तान नै*”””
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