सर्द हवा चल रही हो या फिर घना कोहरा छाया हो, चाहे तेज धूप हो या बारिश का मौसम। यदि श्रीडूंगरगढ़ से किसी भी गंतव्य स्थान के लिए जाना है तो मौसम की परवाह किए बिना खुले आसमान के नीचे बस का इंतजार करना पड़ेगा। महिलाएं अपने छोटे-छोटे बच्चों को गोद मे लिए व बुजुर्ग अपनी लाठी के सहारे खड़े बस का इंतजार करते नजर आने का दृश्य यहां पर आम बात है। इसे विंडबना ही कहेंगे कि 98 गांवों का तहसील मुख्यालय व जयपुर, दिल्ली सहित कई शहरों का मुख्य मार्ग होने के बाद भी कस्बे में ना तो स्थायी बस स्टैंड है और ना ही यहां आवागमन करने वाले यात्रियों के लिए बैठने की उचित व्यवस्था है। यात्रियों को घूमचक्कर पर सड़क के किनारे खड़े रहकर बसों का इंतजार करना पड़ता है।